रैम रोम क्या है (What is RAM ROM In Hindi): रैम और रोम का केवल कंप्यूटर ही नहीं अन्य से भी संबंध है। आज के लेख में हम रैम क्या है? और रोम क्या है? इनके बारे में विस्तृत जानकारी जानने का प्रयास करेंगे और इसके अलावा भी रैम रोम क्या है, रैम के प्रकार, रैम क्या होती है, रैम के कार्य, रैम की विशेषताएं और रैम और रोम में अंतर आदि के बारे में भी चर्चा करेंगे। यदि आप RAM and ROM के बारे में जानने के इच्छुक है तो आप इस लेख को पूरा पढ़ सकते है।

विषय सूची
- 1 रैम क्या है (RAM Kya Hai In Hindi)
- 2 रैम के प्रकार (Types of Ram)
- 3 स्थैतिक रैम (Static RAM)
- 4 डायनामिक रैम (Dynamic RAM)
- 5 रैम के कार्य (RAM Ke Karya)
- 6 रोम क्या है (ROM Kya Hai In Hindi)
- 7 ROM के प्रकार (Types of ROM)
- 8 PROM (Programmable Read Only Memory)
- 9 E PROM (Erasable Programmable Read only Memory)
- 10 EE PROM (Electric Erasable Programmable Read Only Memory)
- 11 M ROM (Mask Read Only Memory)
- 12 रैम और रोम में अंतर
- 13 रैम रोम क्या है: FAQs
रैम क्या है (RAM Kya Hai In Hindi)
रैम सामान्यतः Copmuters या मोबाइल में उपयोग होने वाला एक प्रकार का Data Storge है। इसका फुल फॉर्म ”रैंडम एक्सेस मेमोरी” है जिसे हम शार्ट में RAM के नाम से जानते है। यह एक कंप्यूटर द्वारा त्वरित पहुंच के लिए उपयोग की जाने वाली मुख्य मेमोरी या प्राथमिक मेमोरी है। RAM को वोलेटाइल मेमोरी भी कहा जाता है सरल भाषा में समझे तो यह एक अस्थिर प्रकार की मेमोरी है संगृहीत देता कंप्यूटर के बंद होने के साथ ही इससे विलुप्त या नष्ट हो जाता है।
जब हम कंप्यूटर पर कोई कार्य करते है तब रैम शक्रिय हो जाती है और उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग किये जा रहे किसी भी कार्य या प्रोग्राम के डाटा को स्टोर करती है यह कार्य बहुत तेजी से होता है। और जैसे ही हम किसी भी प्रोग्राम या एप्लीकेशन को बंद करते है तो इसमें संगृहीत डाटा नष्ट हो जाता है। इसकी Capicity सीमित होती है अर्थात यही कारण है जब हम एक साथ अनेक एप्लीकेशन को ओपन करते है तो कंप्यूटर की स्पीड कम हो जाती है इसका कारण रैम पर पढ़ने वाला प्रेशर होता है।
रैम के प्रकार (Types of Ram)
RAM के भी अलग-अलग प्रकार होते है और यह क्षमता के अनुपात में उपलब्ध होती है। जिसमे हम अपनी सुविधानुसार कंप्यूटर में 1GB, 2GB, 3GB, 4GB, 8GB आदि का उपयोग कर सकते है। मदरबोर्ड में उपस्थित RAM स्लॉट्स के अनुसार हम DDR, DDR2, DDR3 इत्यादि का उपयोग करते है। RAM दो प्रकार की होती है
- स्थैतिक रैम (Static RAM) और
- डायनामिक रैम (Dynamic RAM)
स्थैतिक रैम (Static RAM)
स्टैटिक रैम (SRAM) एक अस्थिर मेमोरी है यह तेज होती है और अक्सर इसे Cache Memory और रजिस्टरों में उपयोग किया जाता है। जब तक बिजली की आपूर्ति की जाती है, SRAM अपनी सामग्री को बरकरार रखता है और और इसे डायनेमिक रैम की तरह ताज़ा करने की आवश्यकता नहीं है।
डायनामिक रैम (Dynamic RAM)
डायनामिक रैम (DRAM) इस प्रकार की रैम की गति धीमी होती है और इसका मूल्य भी SRAM से थोड़ा कम हो सकता है। क्योकि इसे रिफ्रेशिंग की जरूरत होती है अर्थात बार बार रीफ्रेश की आवश्यकता होती है।
रैम के कार्य (RAM Ke Karya)
कंप्यूटर को या सम्बंधित उपकरण (Computer, Mobile, Robots etc) चलाने में Ram का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इसके प्रमुख कार्य निम्न है:
- रैम कंप्यूटर में चलने वाले किसी भी प्रोग्राम के लिए जिम्मेदार है अर्थात कंप्यूटर में चलने वाली एप्लीकेशन या किसी प्रोग्राम को सुचारू रूप से चलाने में योगदान देती है।
- किसी भी प्रोग्राम को चलाने के लिए यह जरुरी स्थान प्रदान करता है। जब तक कंप्यूटर पर कोई कार्य होता है तब तक यह वर्तमान के डाटा को संगृहीत करके रखता है।
- मल्टी टास्किंग करते समय कंप्यूटर की गति हमारी रैम तय करती है। जितनी क्षमता (1GB, 2GB, 3GB, 4GB, 8GB) वाली रैम हमारे पास होगी उतनी अच्छी स्पीड हमे प्राप्त होगी।
रोम क्या है (ROM Kya Hai In Hindi)
Rom का फुल फॉर्म ”Read Only Memory” है। इसका नाम ही इसको परिभाषित करता है। रोम एक प्रकार का हार्डवेयर है यह Motherboard में इंटेग्रेटेड होता है। रोम मेमोरी को केवल पढ़ा जा सकता है अर्थात यह केवल Read करने योग्य मेमोरी ही है। इसके अन्य किसी प्रकार का ऑपरेशन नहीं किया जा सकता जैसे लिखना आदि। यह रैम की तरह ही कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी है। और यह कंप्यूटर के विभिन्न प्रोग्राम को सुचारू रखती है।
ROM एक परमानेंट स्टोरेज भी है, अर्थात इसमें पहले से ही स्टोर प्रोग्राम या डाटा को द्वारा write या delete नही किया जा सकता इसका तात्पर्य यह है की रोम नष्ट ना होने वाली एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी है। किसी भी सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए रोम महत्वपूर्ण है। ROM मदरबोर्ड में पहले से ही कंपनी के द्वारा इनबिल्ट आती है।
ROM एक स्थिर मेमोरी है जिसे Refresh करने की आवश्यकता नही है। इसमें डेटा या प्रोग्राम तब तक रहता है, जब तक उसे डिलीट नही किया जाये। पॉवर ऑफ होने पर भी ROM का डाटा बना रहता है।
कंप्यूटर को ON करने के लिए रोम का होना अनिवार्य है। बूट करने के लिए भी ROM आवश्यक है। ROM की गति रैम से कम होती है।
ROM के प्रकार (Types of ROM)
ROM Memory के 4 प्रकार है:
- PROM (Programmable Read Only Memory)
- E PROM (Erasable Programmable Read only Memory)
- EE PROM (Electric Erasable Programmable Read Only Memory)
- M ROM (Mask Read Only Memory)
PROM (Programmable Read Only Memory)
इस प्रकार की रोम मेमोरी को डिलीट नहीं किया जा सकता है। इसमें मौजूद जानकारी या डाटा हमेशा बना रहता है। कंपनी इस ROM में प्रोग्राम को मैन्युफैक्चर करने के बाद डालती है
E PROM (Erasable Programmable Read only Memory)
इस प्रकार की ROM के डाटा को पराबैंगनी किरणों की सहायता से समाप्त किया जा सकता है। एक प्रोग्राम को हटाया जा सकता है और उसमें दूसरा प्रोग्राम डाला जा सकता है
EE PROM (Electric Erasable Programmable Read Only Memory)
इस रोम को बिजली से मिटाया जा सकता है। इसमें मौजूद प्रोग्राम को कई बार मिटाया और रिप्रोग्राम किया जा सकता है।
M ROM (Mask Read Only Memory)
निर्माता कंपनी मास्क रोम में प्रोग्राम डालती है। इसे बनाते समय कंपनी डेटा दर्ज करती है। इसके डाटा को नष्ट नहीं किया जा सकता है।

रैम और रोम में अंतर
रैंडम एक्सेस मेमोरी (रैम) और रीड-ओनली मेमोरी (रोम) दोनों ही कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार हैं। लेकिन कुछ प्रमुख अंतर हैं जो दोनों को अलग करते हैं। इसका विवरण यहाँ देखा जा सकता है।
RAM | ROM |
RAM अस्थायी मेमोरी को संदर्भित करता है जिसे बार-बार एक्सेस और बदला जा सकता है। रैम को किसी भी प्रोग्राम द्वारा एक्सेस किया जा सकता है, जिसे अस्थायी रूप से जानकारी को उनके संचालन के हिस्से के रूप में स्टोर करने की आवश्यकता होती है। | ROM एक स्थायी मेमोरी चिप है जिसे मशीन द्वारा पढ़ा जा सकता है, लेकिन लिखा नहीं जा सकता है। RAM के विपरीत, ROM में संग्रहीत डेटा अभी भी मौजूद है चाहे कंप्यूटर में शक्ति हो या न हो। ROM का एक सामान्य उदाहरण फर्मवेयर है जिसे आपका कंप्यूटर बूट करने के लिए उपयोग करता है। |
एक कंप्यूटर में जितनी अधिक RAM होती है, उतना ही अधिक CPU हार्ड डिस्क तक पहुँच के बिना कर सकता है, जिससे कंप्यूटर बहुत तेज हो जाता है। जब प्रोग्राम अपना कार्य पूरा कर लेता है, या जब कंप्यूटर की बिजली काट दी जाती है, तो RAM पर संग्रहीत डेटा मिटा दिया जाता है। | आप कंप्यूटर की मेमोरी के उस हिस्से को किसी और चीज के लिए एक्सेस या उपयोग नहीं कर सकते हैं। एक अन्य परिचित उदाहरण सीडी-रोम है। एक बार सीडी जलने के बाद, सीडी पर मौजूद डेटा को बदला नहीं जा सकता है। |
ROM को केवल एक बार लिखा जाता है और उसके बाद ही पढ़ा जा सकता है | RAM को बार-बार लिखा, पढ़ा और ओवरराइट किया जा सकता है। |
रैम रोम क्या है: FAQs
Q.रैम का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर: रैम का फुल फॉर्म ”रैंडम एक्सेस मेमोरी” है। जिसे अंग्रेजी में Random Access Memory कहा जाता है।
Q.रोम का फुल फॉर्म क्या है?
उत्तर: रोम का फुल फॉर्म ”रीड ओनली मेमोरी” है। जिसे अंग्रेजी में Read Only Memory कहा जाता है।
हमे आशा है आपको रैम रोम क्या है? रैम और रोम में अंतर और RAM and ROM In Hindi के बारे में दी गई जानकारी जरूर पसंद आई होगी। एजुकेशन, सरकारी जॉब, और अन्य जानकारी के लिए आप समय समय पर hindiexamalert.com को विजिट कर सकते है।
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